एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 9 )
[ NEXF DAY]
अनीशा का घर
अनु बडे आराम से अपने टैडी को बांहों में भरकर सोई थी ........ एकदम किसी छोटे से बच्चे की तरह ....... खिड़की से आती धुप की किरण उसके चेहरे पर आ रही थी और उसके चहरे की चमक को ओर बड़ा रही थी ........ चुबती धुप उसकी आँखों पर पड रही थी फिर भी वो अनु की नींद का कुछ बिगाड़ नहीं पा रही थी .......वो बड़े आराम से सोइ थी ।।।
तभी दनदनाते हुए मिशा उसके कमरे में घुसी अनु को सोता देख चिडते हुए बोली ......"ये देखो महारानी की नींद अभी तक पूरी नहीं हुई ....... घोड़े....कुत्ते....हाथी.....सब बेच कर सोई है ......यहाँ 8 बज गए है और ये मैडम आराम से कुंभकरण की तरह सोइ हुई है '' बड़बड़ाते हुए उसने अनु की कम्बल खीच ली ।
इससे अनु की निन्द खुल गई वो चीडते हुए आंखे बिना खोले हि चिल्लाई ......, "चुड़ेल कही कि ......... मतलब तमिज नाम कि चीज है की नही तेरे अंदर .......सब मेरे नींद के दुश्मन हुए पड़े है .....चैन से सोने भी नहीं देते ......पाप लगेगा तुझे देख लियो तु और फिर तुझे.....तुझे हा तुझे तेरी फेवरेट चॉकलेट आईसक्रीम नही मिलेगी है ....नहीं मिलेगी देखियो पाप लगेगा तुझे ^हुंह^
मिशा को अनु की नोटंकी पर हंसी आ रही थी वो अपनी हसी रोकते हुए वो बोली ....."ओए नोटंकी अपनी ये थर्ड क्लास एक्टिंग बंद कर और टाइम देख 8:20 हो रहे है 9:00 बजे यूनिवर्सिटी पहुंचना है तो जल्दी जा कर रेडी हो जा .....अब जा जल्दी से ''
उसकी बात सुन अनु बैड से कुदके बोली ....."क्या 8:20 हो गए और तु मुझे यहां भाषण सुना रही है ........कमबख्त कही कि हम लेट हो जाएंगे आज तो '' चिल्लाते हुए उसने अलमारी से कपडे लिया बड़बड़ाती हुए अंदर चली गई ।
मिशा मुंह खुले उसे हि देखती रह गई बिचारी वो पहले आई और लैट होने का बिल भी उसी पर फट गया 😂😂😂 .........10 मिनट बाद अनु आई दोनो ने जन्दी जल्दी नाश्ता किया और घर से निकल गई । नील आरव के घर चला गया था उस के साथ आने के लिए। .
आरव का घर
नील आरव के घर में घुसने हि वाला था कि गेट पर वो किसी से टक्करा गया । जिससे नील टकराया वो अवनी जी थी दोनो हि सम्हल नहीं पाए और नीचे गिर गए । नील नीचे और अवनी उसके ऊपर नील बस अवनी को देखा जा रहा था वहीं अवनि ने डर से उसने आंखे बंद कर रखी थी और वो बहुत ही मासूम लग रही थी । नील उसकी मासूमियत में हि खो गया
अवनी ने अपनी आंखे खोली तो नील को देख उसके चेहरे के भाव ही बदल गए.....अभी अवनी के चेहरे डर के भाव थे पर अब सके चहरे पर गुस्से के भाव आ गए । जिसे नील ने भी महसूस कर लिया था । अवनी बिना नील की ओर देखे ही उठी और बाहर चली गई ।
नील उसकी तरफ बस देखता ही रह गया.....अवनी चली गई थी नील अभी भी वही खड़ा था उसके चहरे पर एक अजीब सा दर्द उभर आया था वो खाली आँखों से बस गेट कि तरफ देख रहा था तभी पीछे से आरव ने उसके कंधे पर हाथ रहा तो नील अपनी ख्यालों की दुनिया से वास्तव में लोट आया _____
आरव उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोप , "क्या भाई तुझे अंदर आने के लिए आरती की थाल लाऊ क्या तब अंदर आएगा ...चल आजा अंदर आ कर बैठ ''
नील अपना कन्धा नीचे कर आरव का हाथ हटाते हुए बोला - "अबे ओ बैठने का टाइम नही है ___घड़ी देख अपनी ''
आरव घडी देखते हुए बोला -." हां रोज देखता हुँ अच्छी है बहुत __अब यार नंबर 1 बरेन्ड की है ''
नील अपना माथा पीटते हुए बोला - "अबे मंदबुद्धि! मैं टाइम की बात कर रहा हूँ न की बर्नेड की......टाइम देख 8: 35 हो रहे है..... झासी की रानी कॉलेज के लिए निकल चुकी है......हम लेट हुए तो खेर नही हमारी और तुझे मजाक सूझ रहा है '' नील झलाते हुए बोला
आरव ये सुन कर टाइम देखता है फिर एकदम से उछलते हुए बोला है - "ऑ शीट हम लेट हो गए ....अगर वो "मिस बवाल" हमसे पहले पहुँच गई तो आज तो मैं गया काम से....वैसे ही उसका मेरा से छतिस का आकड़ा रहता है चल जल्दी '' इतना बोल वो नील के साथ बाहर निकल जाता है तब तक विवान भी आ जाता है तीनो वहां से यूनिवर्सिटी के निकल जाते है।
LIFTD (काल्पनिक स्थान)
New Delhi
आज कैम्पस में ज्यादा चेहल पहल थी सारे स्टूडेंट....टीचर्स....कैम्पस के मैन हाल में जा रहे थे .....जहां आमतोर पर कैम्पस के मुख्य कार्यो की जानकारी या बहुत जरूरी सूचना देने के लिए बुलाया जाता है
अनु मिशा गेट से अंदर आई दोनों ने कैम्पस का माहौल देखकर एक दूसरे को देखा और एकदम से दोनों बहुत खुश हो गई🤔🤔शायद दोनो को अदांजा हो गया था कि हाॅल में क्या होने वाला है! दोनो उन तीनो का इंतजार करने लगती है
अनु गेट की तरफ देखते हुए बोली .... "यार ये तीनो कहा रह गए.....ये भगवान जी को क्या मैं हि मिली थी ...इन नमुनी के लिए ''
थोड़ी देर बाद बाकी तीनो आ जाते हैं गेट से घुसते हि तीनो की हि नजर गुस्से में उन्हें घुरते हुई अनु पर पड़ती है तीनो एक दूसरे की शकल देखते हुए आगे बड जाते और अनु के सामने खड़े हो जाते है _____
अनु आरव को घूरते हुए नील से बोली - "लैट किसकी वजह से हुआ तू "नील ने आरव की तरफ उंगली की विवान से पुछ तो उसने भी आरव की तरह इशारा किया
बिचारा आरव मुंह खोले आंखे बड़ी कर दोनो को देखते हुए मन में बड़बड़ाया ....." साले कितने कमीन दोस्त है ...रास्ते में तो बडा बोल रहे थे ..... भाई हम है ......साथ में लिपट लेंगे.....लेकिन देखो शेरनी के पिंजडे मे अकेले हि ढकेल दिया मुझे ..... इन दोनों को तो बाद मे लिपटुंगा पहले ......इस बवाल से लिपट लु '' खुद से बोलते हुए वो अनु की तरफ देखा और बोला ....."वो क्या है न मेरी गाडी रास्ते में खराब हो गई थी.....तो लेट हो गया और वैसे भी अभी तो क्लॉस स्ट्राट भी नहीं हुई ....सो जस्ट रिलेक्स"।।
अनु बोलती उससे पहले मिशा बोली ....."अरे यार छोड़ो ये सब और चलो ..... एमडी ने हाल में बुलाया है.... कुछ जरूरी इंफोमेशन देनी है उन्हे तो चलो जल्दी '' और वो अनु को खिच कर ले गई फिर आगे जा कर मिश पलटी और आरव को थम्स अप किया और मुस्कुराते हुए आगे चल दी ____
आरव ने भी मुस्कुराते हुए अपने सीने पर हाथ रखा और एक लंबी सी सांस ली और वो उन दोनो को घुरने लगा विवान नील दोनो ने उसे दांत दिखाते हुए बोले , " सॉरी न भाई अब हम क्या करे वो ज्वाला देवी बनी हुई थी.....तो उसे देख कर फट गई हमारी ''
आरव - "हिटलर का दूसरा जन्म है ये और इसका जन्म मेरे लिए हि हुआ है लगता है....इतना डर तो बाबा सा से नहीं लगता जीतना इस बवाल से लगता है '' इसपर बाकी दोनों को हंसी आ गई उन्हें हस्ता देख आरव और चिङ गया दोनो ने उसे शांत कराया और वो तीनो भी हाल में चले आएं
कैम्पस हॉल मे
हॉल बहुत ही बड़ा था ! सामने बड़ा सा स्टेज लगा था उस पर प्रिंसिपल सर के साथ कॉलेज के डिन एमडी और कुछ हैड टिर्चर खड़े थे स्टेज के सामने कतार में खड़े सारे स्टूडेंटस ।।
प्रिंसिपल सर ने अपनी कमान को सम्हाते हुए माइक में बोलना शुरू किया ....... "Good morning to all of you....I Extend warm welcome to all of you present here " तो प्यारे बच्चो कैसे है आप सब...... आज हमने आप लोगो को यहां इसलिए बुलाया है.....क्योकि जैसा कि आप सब को पता है हर साल हमारे कॉलेज के बच्चे .....अपनी स्कील .....अपने काबिलियत को दर्शा ने लिए और अपने स्कील को और अच्छा बनाने के लिए .....अलग अलग जगह सैमीनार में जाते है और आप में से बहुत से बच्चे है जिन्हें इसका बेसब्री से इंतजार था.....तो आप लोगों का इंतजार अब खत्म..... परोसो आप सब रेडी रहना अपने गुर्प के साथ......रीसेस के बाद फलैशवॉर्ड पर आपको आपका और आपके ग्रुप मेम्बर के नाम के साथ सेमीनार की जगह का पता भी चल जाएगा.....सो ऑल द बैस्ट एंड इजोय यॉर सैमिनार एंड यॉर वैकेशन ऑलसो....."ऑके बाए एन गुडडे " इतना बोल प्रिंसिपल सर वहां से नीचे आ गए और बाकी सब बच्चे टीचर हॉल से बाहर आ गए ..... सभी बहुत ज्यादा खुश और एक्साइटेड थे
सब अपनी अपनी क्लास में चले गए.....एक घंटे के बाद क्लास ओवर हुई..... सब बच्चे फ्लैसबॉर्ड से चीपक गए (जैसे मधुमक्की के छत्ते पर मधुमक्की चिपकती है वैसे )
अनु मिशा भी आ गई बॉर्ड पर अपना ग्रुप देखा....तो अनु की आंखे बड़ी हो गई और मुंह खुला रह गया ( दरसल हुआ ये कि उसके ग्रुप मे अनु __मिशा__ नील __विवान और अपने आरव जी थे )
ये देख अनु झलाते हुए बोली - " यार अब ये क्या लोचा है....मतलब कितनी एक्साइटीड थी मै ..... लेकिन मेरी खुशी देखी किसे जाती है ..... नील और विवान तो तब भी ठीक है पर उस आरव को क्यो सेम ग्रुप में डाला ''
मिशा को कोई फर्क नही पड़ा वो सहजता से बोली "देख मुझे कोई दिक्कत नहीं और रही उनकी बात तो उन तीनो को तो होगी ही नही ...... तुझे दिक्कत है तो जाकर बदलवाले अपना ग्रुप पर याद रखिओ मैं नहीं आओगी ..... क्योंकि मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है आरव से ''
अनु उसकी बात सुन कर अपने कमर पर दोनों हाथ रखकर उसे घुमते हुए बोली - " कंजरीया कहीं की मतलब अब उस दो दिन के आए सर्किंट के लिए अपनी बचपन की दोस्त को धोखा देखी तू अरे याद कर वो दिन जब मैं तेरे लिए ईमली लाया करती थी नुक्कड़ पर खडे हो कर गोल गप्पें और मोमोस खिलाया करती थी.....
' हाए कैसा जवाना आ गया कन्हा जी देखो तो ' वो अपने माथे पर हाथ रखते हुए थोडी नाटकी करते हुए बोली )
उसकी इस बचकान बातो से मिशा को हंसी आ गई और दोनो हंसने लगी जबतक वो तीनो भी आ गए थे ।।
आरव ने हसती हुई अनु को देखा तो बस देखता ही रह गया आज शायद पहली दफा उसने अनु को इतना खुल के हस्ते हुए देखा था ! हंसते हुए अनु और भी खुबसूरत लग रही थी आरव बस उसे देखा जा रहा था ! अनु की नजर जब आरव पर पड़ी तो उसकी हसी हि गायब हो गई ! आरव को अनु की नजर अपने पर दिखी तो वो हड़बडा कर इधर उधर देखने लगा अनु भी इधर उधर देखने लगी ।।
मिशा ने सबको बताया कि वो पांचो एक हि ग्रुप में है और पारसे ही उन्हे देहरादून के लिए निकलना है क्योंकि उनकी सेमिनार प्लेस वहा है ये सुन सब बहुत ज्यादा उत्साहित हो गए क्योंकि इस समय वहा कि वादिया का क्या हि कहना
"हाए क्या कहना वहा के मौसम का " मिशा खोई हुई सी बोली उसकी बात सुन सब वहां के मौसम के बारे में सोच कर खुश हो गया ।
चारों केंटिन में जाने कि योजना बनाने लगे टिकटड का काम नील और आरव को सौपा गया वो लोग फ्लाइट से नही जा रहे थे बल्कि ट्रेन से जा रहे थे क्योंकि दिल्ली से देहरादून का सफर महज 5 घंटे या 6घंटे का था और उन सब का मानना था की जो मजा ट्रेन के सफर में है वो और किसी में नही सब कुछ बातचीत करके योजना बना के सब घर लोट आए ॥
अगला दिन जाने की तैयारी मे हि निकल गया ..................................।
_______💚TO BE CONTINUE💚_______
आखिर क्या रंग लाएगी ये ट्रिप? क्या इस ट्रिप में आरव अनिशा एक दूसरे के करीब आ पाएंगे ?
अगर जानना है तो पड़ते रहे मेरी ये कहानी और बने रहे मेरे साथ उससे पहले मुझे कमेंट करके ये जरूर बताए कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है 🙂🙂🙂🙂
✍ सुधा यादव
Sandhya Prakash
01-Feb-2022 02:56 PM
Trip kuch to rang dikhayegi... Lekin kya ye dekhte agle bhag me, Your writing style just awesome
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Arshi khan
27-Jan-2022 12:21 AM
Bahut bahut badhiya kahani h aapki
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Arman Ansari
18-Jan-2022 10:52 AM
आएंगे जी दोनो के बीच एक प्यार से न टूटने वाला बंधन भी बंधेगा
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